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नई आयकर विधेयक 2025 लोकसभा से पारित: संसदीय पैनल की प्रमुख सिफारिशें शामिल

August 11, 2025 | by kaushikkurkan

Tax Bill 2025: New Proposals and Major Changes in India’s Tax System

तारीख: 11 अगस्त 2025

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में संशोधित नई आयकर विधेयक 2025 (Income-Tax No. 2 Bill, 2025) पेश किया, जिसे सदन ने पारित कर दिया। यह विधेयक आयकर अधिनियम, 1961 को पूरी तरह से बदलकर भारत के कर प्रणाली को आधुनिक, सरल और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के उद्देश्य से लाया गया है।

गौरतलब है कि सरकार ने शुक्रवार को पहले पेश किए गए आयकर विधेयक, 2025 को वापस ले लिया था। यह बिल 13 फरवरी 2025 को पेश किया गया था, लेकिन संसदीय चयन समिति की 285 सिफारिशों और अन्य हितधारकों के सुझावों को शामिल करने के लिए नया मसौदा तैयार किया गया।

क्या है नया बदलाव?

वित्त मंत्री सीतारमण ने स्पष्ट किया कि लगभग सभी सिफारिशें स्वीकार कर ली गई हैं। नए विधेयक में केवल शब्दावली सुधार, वाक्य संरचना, क्रॉस-रेफरेंस बदलाव और अन्य तकनीकी संशोधन किए गए हैं ताकि कानून का अर्थ अधिक स्पष्ट हो।

अधिकारियों के अनुसार, पुराना विधेयक वापस लेने का कारण यह था कि एक ही समय में दो अलग-अलग संस्करणों के चलते भ्रम की स्थिति न बने। इसलिए सभी संशोधनों को मिलाकर एक ही व्यापक संस्करण पेश किया गया।

संसदीय चयन समिति, जिसकी अध्यक्षता बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा कर रहे थे, ने पिछले महीने 4,575 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें 32 बड़े बदलाव और कई छोटे-छोटे संशोधन शामिल थे।


पैनल की प्रमुख सिफारिशें जो विधेयक में शामिल हुईं:

  1. “लाभकारी स्वामी” (Beneficial Owner) की नई परिभाषा
    • अब ऐसे व्यक्ति भी अपने नुकसान को आगे ले जा सकेंगे जिन्हें कर वर्ष के दौरान प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शेयर का लाभ मिला हो।
  2. इंटर-कॉरपोरेट डिविडेंड कटौती की वापसी
    • पहले ड्राफ्ट में हटाई गई यह व्यवस्था फिर से जोड़ी गई।
    • 30% मानक कटौती (Standard Deduction) अब नगरपालिका कर कटौती के बाद लागू होगी।
    • निर्माण-पूर्व ब्याज कटौती को अब किराए पर दी गई संपत्तियों (Let-out properties) तक बढ़ाया जाएगा।
  3. व्यक्तिगत करदाताओं के लिए आसान अनुपालन
    • ‘Nil’ टैक्स डिडक्शन सर्टिफिकेट जारी करना।
    • अनजाने में हुई गैर-अनुपालन पर जुर्माने को माफ करने का विवेकाधिकार।
    • छोटे करदाताओं के लिए देर से दाखिल ITR पर भी रिफंड की सुविधा।
  4. NPAs की परिभाषा में स्पष्टता
    • बैंकिंग और टैक्स विवादों को कम करने के लिए NPA की स्पष्ट परिभाषा दी जाएगी।
  5. “पैरेंट कंपनी” की सटीक परिभाषा और गैर-लाभकारी संस्थाओं के लिए प्रावधान
    • धार्मिक और चैरिटेबल ट्रस्ट्स को मिलने वाली टैक्स छूट पर गुमनाम दान (Anonymous Donations) का असर नहीं होगा।
  6. पुराने कानून के संदर्भ हटाना
    • 1961 के आयकर अधिनियम के सभी संदर्भ हटाकर नया और विवाद-रोधी कोड तैयार किया गया है।

क्यों है यह बिल खास?

  • 60 साल पुराने कानून को बदलना: 1961 से लागू नियमों को हटाकर एक आधुनिक, डिजिटल युग के लिए उपयुक्त कानून बनाया गया है।
  • डिजिटल टैक्सेशन और डेटा-आधारित कर संग्रह: तकनीक का उपयोग बढ़ाने पर जोर।
  • विवाद निपटान में सुधार: परिभाषाओं में स्पष्टता से कोर्ट और टैक्स विभाग के विवाद कम होंगे।

मुख्य बिंदु (Highlights):

📜 आयकर अधिनियम 1961 की जगह नया आयकर विधेयक 2025 लाया गया।

🏛 लोकसभा से पारित, इसमें संसदीय समिति की अधिकांश 285 सिफारिशें शामिल।

💼 “Beneficial Owner” की परिभाषा में बदलाव, ताकि शेयर लाभ पाने वाले नुकसान आगे ले जा सकें।

📊 इंटर-कारपोरेट डिविडेंड डिडक्शन की वापसी।

🏠 हाउस प्रॉपर्टी पर 30% स्टैंडर्ड डिडक्शन और प्री-कंस्ट्रक्शन इंटरेस्ट पर भी छूट।

🧾 ‘Nil’ TDS सर्टिफिकेट, गलती पर पेनाल्टी माफी और देर से ITR पर भी रिफंड।

🏦 NPA व “Parent Company” की परिभाषा स्पष्ट, धार्मिक-चैरिटेबल ट्रस्ट को राहत।

🗑 पुराने कानून के सभी संदर्भ हटाकर नया कोड पूरी तरह स्वतंत्र बनाया गया।

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