कांग्रेस का ‘वोट चोरी’ अभियान – लोकतंत्र बचाने की पुकार
August 10, 2025 | by kaushikkurkan

क्या है मामला?
10 अगस्त 2025 को कांग्रेस पार्टी ने एक नया देशव्यापी अभियान “वोट चोरी” शुरू किया। इस अभियान के तहत पार्टी ने एक विशेष वेबसाइट और मिस्ड कॉल हेल्पलाइन नंबर लॉन्च किया है, जिसके माध्यम से आम नागरिक चुनावी गड़बड़ियों और धांधलियों की जानकारी दर्ज कर सकते हैं।
राहुल गांधी ने एक वीडियो संदेश जारी कर युवाओं और सभी मतदाताओं से अपील की है कि वे इस पोर्टल पर पंजीकरण (Register) करें और “लोकतंत्र बचाने” की इस मुहिम का हिस्सा बनें।
अभियान की पृष्ठभूमि
राहुल गांधी और कांग्रेस ने चुनाव आयोग (ECI) और सत्तारूढ़ पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके मुताबिक कई राज्यों में मतदाता सूची से जुड़ी भारी गड़बड़ियां हुई हैं:
- कर्नाटक के महादेवपुरा क्षेत्र में 1 लाख से ज्यादा फर्जी वोट।
- डुप्लीकेट वोटर, नकली पते, एक ही पते पर बड़ी संख्या में मतदाताओं का पंजीकरण।
- अवैध फोटो और फर्जी फॉर्म-6 के जरिए नए मतदाताओं की जबरन एंट्री।
- महाराष्ट्र में “एक करोड़ रहस्यमयी वोटर” और सीसीटीवी फुटेज का गायब होना।
कांग्रेस का दावा है कि यह सभी जानकारी आरटीआई और आंतरिक पार्टी जांच से मिली है, और इससे साफ है कि चुनावी प्रक्रिया को योजनाबद्ध तरीके से प्रभावित किया गया।
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से कहा है कि वे अपने आरोपों को शपथपत्र (Oath) के रूप में लिखित रूप से प्रस्तुत करें, जैसा कि Registration of Electors Rules, 1960 के नियम 20(3)(b) में प्रावधान है।
आयोग ने चेतावनी दी है कि झूठी जानकारी देना कानूनी अपराध है।
राहुल गांधी ने जवाब दिया कि उन्होंने जो बयान सार्वजनिक मंच से दिए हैं, वही उनकी शपथ हैं, और जो आंकड़े वे दिखा रहे हैं, वह खुद चुनाव आयोग के रिकॉर्ड से लिए गए हैं।
राजनीतिक समर्थन और प्रतिक्रिया
- कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी कहा कि चुनाव आयोग को इन गंभीर आरोपों पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
- पार्टी इसे राष्ट्रव्यापी जन-जागरूकता अभियान बना रही है।
- कई विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे पर कांग्रेस का समर्थन किया है।
क्यों है यह अहम?
- लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा – अगर ये आरोप सही साबित होते हैं, तो यह चुनावी प्रक्रिया पर जनता का भरोसा तोड़ने वाली सबसे बड़ी घटनाओं में से एक होगी।
- जन-सक्रियता का आह्वान – कांग्रेस पंजीकरण के जरिए नागरिकों का एक समानांतर रिकॉर्ड बनाना चाहती है, जो भविष्य में कानूनी और राजनीतिक दबाव बनाने में सहायक हो सकता है।
- राजनीतिक बहस में तेज़ी – यह मुद्दा सीधे देश के चुनावी तंत्र और चुनाव आयोग की साख पर सवाल उठाता है।
सारांश तालिका
पहलू | विवरण |
---|---|
लॉन्च की तारीख | 10 अगस्त 2025 |
कैसे जुड़ें | वेबसाइट + मिस्ड कॉल नंबर |
मुख्य आरोप | बड़े पैमाने पर वोट चोरी, मतदाता सूची में हेरफेर |
चुनाव आयोग की मांग | लिखित शपथपत्र के साथ सबूत |
कांग्रेस का रुख | सार्वजनिक बयान ही शपथ, आंकड़े EC के रिकॉर्ड से |
राजनीतिक स्थिति | विपक्षी समर्थन, देशव्यापी अभियान |
RELATED POSTS
View all