पोलैंड ने रूस के दावे को खारिज किया — ड्रोन का एयरस्पेस उल्लंघन जानबूझकर था, ब्रिटेन NATO हवाई रक्षा मजबूत करने में विचारशील
September 10, 2025 | by kaushikkurkan

रूस ने यूक्रेन पर एक बड़े पैमाने पर हमला किया
रात 9–10 सितंबर 2025 की दरम्यानी, रूस ने यूक्रेन पर एक बड़े पैमाने पर हमला किया, जिसमें लगभग 19 ड्रोन पोलैंड के हवाई क्षेत्र में प्रवेश कर गए। पोलिश और NATO की संयुक्त प्रतिक्रिया में कुछ ड्रोन को शूट डाउन किया गया। यह पहला मौका था जब NATO का सदस्य देश रूसी ड्रोन से प्रत्यक्ष मुकाबला कर रहा था।
यूक्रेन पर हमले के दौरान, रूस ने 9-10 सितंबर, 2025 की रात को पोलिश हवाई क्षेत्र में लगभग 19 ड्रोन तैनात किए। आक्रमण के जवाब में, पोलिश और नाटो बलों ने कुछ ड्रोनों को मार गिराया। यह नाटो सदस्य देशों द्वारा रूसी ड्रोनों के साथ सीधे तौर पर बातचीत करने का पहला मामला था। इस घटना ने क्षेत्र में तनाव बढ़ा दिया और दोनों पक्षों के बीच भविष्य के संघर्षों को लेकर चिंताएँ पैदा कर दीं। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय आगे की गतिविधियों और परिणामों के लिए स्थिति पर कड़ी नज़र रख रहा है।
पोलैंड का रुख और प्रतिक्रिया
पोलिश विदेश मंत्री राडोस्लाव सिकोरस्की ने स्पष्ट किया कि यह उल्लंघन “गलती या तकनीकी खराबी” नहीं था, बल्कि पूरी तरह जानबूझकर किया गया हमला था। उन्होंने इसे NATO और EU दोनों के लिए एक अत्यन्त गंभीर खतरा बताया।
इस घटना की वजह से पोलैंड ने NATO के अनुच्छेद 4 (Article 4) को लागू कर दिया — जिसका अर्थ है कि उन्हें गठबंधन के अन्य सदस्यों के साथ आपातकालीन परामर्श की आवश्यकता है।
ब्रिटेन की भूमिका और NATO की स्थिति
ब्रिटेन ने इस घटना को गंभीरता से लिया और NATO के एयर डिफेंस को मजबूत करने पर विचार किया जा रहा है। ब्रिटेन के रक्षा मंत्री ने कहा कि यह घटना “एक नए खतरे के युग” का संकेत देती है।
NATO महासचिव मार्क रूटे ने यह घटना “पूर्णत: लापरवाह” करार देते हुए कहा कि NATO का प्रत्येक इंच सुरक्षित है और रक्षा प्रणाली तैयार है।
रूस का रुख
क्रेमलिन ने इस पर सीधा कमेंट करने से इनकार किया और रक्षा मंत्रालय का जिक्र करते हुए आरोपों को “बिना सबूत फैलाए गए मिथक” बताया।
क्षेत्रीय प्रभाव
यह घटना NATO की एयर रक्षा क्षमता पर एक बड़ा चैलेंज है। पोलैंड की प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस घटना को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ी चुनौती करार दिया।
तात्कालिक असर
- NATO के रडार सचेत हो गए, और रक्षा तंत्र पूरी तरह सक्रिय हुआ।
- अमेरिकी सांसदों ने इसे युद्ध का स्पष्ट संकेत बताया और रूस पर युद्धविराम के लिए अधिक दबाव डालने की मांग की।
- यूरोपीय नेताओं ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने और पोलैंड को समर्थन देने की बात कही।
निष्कर्ष
पोलैंड ने रूसी दावे को पूरी तरह खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई जानबूझकर की गई थी, ना कि कोई तकनीकी गलती। इस घटना ने NATO की सुरक्षा नीति और यूरोप में स्थिरता के सवालों को फिर उभार कर रखा है। ब्रिटेन, NATO अन्य सदस्य देशों और EU की प्रतिक्रियाएं एकजुटता दिखाती हैं—ताकि यूरोपीय सीमाओं की रक्षा सुदृढ़ बने और रूस को स्पष्ट संदेश जाए।
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